हम सब को नेक काम या इबादत करने के लिए ग़ुस्ल की ज़रूरत होती है ऐसे में हमें ग़ुस्ल का सही तरीका के साथ साथ Ghusal Ke Faraiz भी मालुम होनी चाहिए।
इसे फ़ायदा यह होगा कि हम सही से ग़ुस्ल करके ख़ुद को रब की इबारत के लायक बनाएंगे तथा हम सब को हमेशा पाक व साफ़ यानी ग़ुस्ल में ही रहना चाहिए।
ऐसे में हम सभी को ग़ुस्ल के फ़राइज़ जानना बेहद जरूरी है इसीलिए आप यहां पर ग़ुस्ल के फर्ज़ को ध्यान से पढ़ कर समझ लें ताकि सही से आप ग़ुस्ल कर सकें।
Ghusal Ke Faraiz
- कुल्ली करना
- नाक में पानी चढ़ाना
- तमाम जाहिरी बदन पर पानी बहाना
Read Here: Ghusal Ka Tarika
#1. कुल्ली करना
जब आप ग़ुस्ल करें तो इस बात का ख्याल ज़रूर रखें कि मुंह के हर हिस्से में होंठ से लेकर हल्क की जड़ तक जितने भी हो हर हिस्से के अन्दर तक पानी बह जाए।
बहुत बार ऐसा भी देखा गया है कि लोग थोड़ा सा पानी को मुंह में लेकर तुरंत ही बगैर अच्छी तरह कुल्ली किए ही निकाल देते हैं ऐसे में फर्ज पूरा नहीं होगा।
जब तक पानी जुबान की जड़ और हल्क के किनारे तक न पहुंचे तो ऐसे में ग़ुस्ल न होगा ना ही इस तरह से नहाने के बाद आप पाक होंगे।
अगर दांत में कोई भी चीज़ जमीं या फंसी हो या फिर जड़ों या खिड़कियों में कोई ऐसी चीज लगी हो जो पानी को बहने से रोके उसे ज़रूर छुड़ा लें।
लेकिन ऐसा चीज़ जिसे छुड़ाने में नुकसान हो जैसे दांत के जड़ों की चुना या औरतों की दांत की मिस्सी की रेखें हो तो ऐसे में रहने दें नुकसान का खतरा माफ़ है।
#2. नाक में पानी चढ़ाना
इस बात का भी ज़रूर ख्याल रखें कि जब स्नान यानी ग़ुस्ल कर रहे हो तो अपने नाक के दोनों नथनो में जहां तक भी आपको लगे की यहां तक नर्म है।
हर हिस्से तक पानी अच्छे से बहाएं ध्यान रखें अंदर की कोई भी हिस्सा धुलने से रह न जाए बल्कि पानी को उपर की सांस खींच ने की मदद से उपर तक चढ़ाएं।
अगर नाक के अन्दर गन्दगी लगी हो यानी रेंठ लग गई हो तो उस का छुड़ाना भी फर्ज है अगर इस तरह आपने नहीं किया तो ग़ुस्ल होगा ही नहीं।
औरतों की नाक में बुलाक होती है अगर वह बंद नहीं है तो उसमें भी पानी पहुंचाना ज़रूरी है।
अगर जकड़ा हो तो उसे अच्छे से हिला हिला कर पानी पहुंचाएं यह फर्ज है नहीं तो फिर ग़ुस्ल होगा ही नहीं।
#3. तमाम जाहिरी बदन पर पानी बहाना
सबसे अहम और ज़रूरी बात पुरे बदन पर पानी इस तरह से फेरे की सर के एक एक बाल से लेके पांव के तल्लु तक जितने हिस्से हो हर हिस्से में पानी पहुंच कर बह जाए।
यहां तक कि कण कण में साथ ही रोंगटे में भी हर जगह से पानी पहुंच कर बह जाए, जरा सुराख में भी पानी पहुंचने से बाकी रह गया तो ग़ुस्ल होगा नहीं।
अक्सर लोगों में यह कंफ्यूजन होता है कि सिर्फ पानी को फेर या पोत लेने से ग़ुस्ल हो जाएगा जी कभी भी हरगिज़ नहीं होगा इन छोटी छोटी बातों का ज़रूर ख्याल रखें।
अंतिम लफ्ज़
मेरे प्यारे मोमिनों अब तक तो आप भी आसानी से ग़ुस्ल के फ़राइज़ को जान गए होंगे और इसे अमल में भी लाएंगे हमने यहां पर सभी बातों को हिंदी के बहुत ही साफ़ और आसान लफ्ज़ों में बताया था।
जिसे आप पढ़ कर समझ जाएं और अमल में ला कर ख़ूब सवाब हासिल करें अगर इसे मुकम्मल पढ़ने के बाद भी आपके मन में ग़ुस्ल के फ़राइज़ से रिलेटेड कोई सवाल हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें।
अगर यह पैग़ाम आपको अच्छा लगा हो यानी इसे कुछ अच्छी इल्म हासिल हुई हो तो आप इसे दुसरे लोगों तक जरूर पहुंचाएं ताकि सभी लोग फर्ज़ के मुताबिक़ ग़ुस्ल करके ख़ुद को इबादत के लायक बना सकें।
2 thoughts on “Ghusal Ke Faraiz । ग़ुस्ल में कितने फ़र्ज़ हैं?”
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