Ghusl Ki Sunnat । जानिए गुस्ल की सुन्नत कितनी है?

हम सब को हमेशा फर्ज़ और वाजिब के साथ साथ Ghusl Ki Sunnat पर भी अमल करना चाहिए ऐसा करने से गुस्ल पुरा होने के साथ साथ सवाब से भी मालामाल होंगे।

ऐसे में हमें गुस्ल की सुन्नत की मुकम्मल जानकारी भी होनी ही चाहिए क्योंकि अगर हमें यही नहीं मालुम होगा तो हम उसपे अमल कैसे करेंगे।

इसीलिए हमने आज यहां पर गुस्ल की सुन्नत और इसपे अमल का मुकम्मल तरीका बहुत ही आसान लफ्ज़ों में बताया है तो आप ध्यान से पढ़ कर समझ लें।

Ghusl Ki Sunnat । गुस्ल की सुन्नत कितनी है?

यहां पर बहारे शरीयत के मुताबिक गुस्ल की 18 सुन्नत निम्नलिखित है:

  1. गुस्ल की नियत करना
  2. हाथों को गट्टों तक तीन बार धोना
  3. पेशाब पखाने की जगह को धोना
  4. बदन पर लगी नजासत को धोना
  5. फिर नमाज़ की तरह वजू करना
  6. वजू में पांव धोना जरूरी नहीं
  7. फिर पुरे बदन पर पानी मलना
  8. फिर तीन बार बाएं मोड़े पर पानी बहाना
  9. इसके बाद बाएं मोड़े पर भी तीन बार
  10. फिर सर से पुरे बदन पर तीन बार पानी बहाना
  11. फिर अलग हो कर पांव धोना
  12. नहाने में क़िब्ला रूख न होना
  13. तमाम बदन पर हाथ फेरना
  14. फिर पुरे बदन को मलना
  15. नाफ से घुटनों तक छिपाना
  16. गुस्ल में किसी से बात न करना
  17. पर्दे में हो कर गुस्ल करना
  18. गुस्ल में कोई दुआ नहीं पढ़ना
  19. औरतों को बैठ कर नहाना
  20. फिर तुरंत कपड़े पहनना

#1. गुस्ल की नियत करना

गुस्ल की पहली सुन्नत नियत करना है लेकिन गुस्ल से पहले बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ना न भुलें।

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#2. हाथों को गट्टों तक तीन बार धोना

फिर दोनों हाथों को गट्टों तक तीन तीन बार अच्छे से धोएं फिर अगर नजासत लगी हो तो भी और ना लगी हो तो भी।

#3. पेशाब पखाने की जगह को धोना

इसका ध्यान अच्छे से रखें यानि पेशाब पखाने की जगह अच्छे से धोएं।

#4. बदन पर लगी नजासत को धोना

अब अगर बदन पर नजासत लगी हो तो उसे दूर करके उस जगह पर अच्छे से पानी मल कर धोना और कम से कम तीन बार धोना चाहिए।

#5. फिर नमाज़ की तरह वजू करना

यहां पर वजू करना मतलब अपने नाक अच्छे से साफ़ करना कुल्ली सही से करना सब वजू की तरह ही करें लेकिन पांव धोना जरूरी नहीं।

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#6. फिर पुरे बदन पर पानी मलना

यहां पर पूरे बदन पर पानी को तेल की तरह चुपड़ लें ऐसा हरगिज़ न करें की उपर ही उपर पानी गिरा कर पार कर दें इसे सुन्नत अदा नहीं होगा।

#7. फिर मोढों पर पानी गिराना

यहां पर दोनों कंधों पर तीन तीन बार पानी गिराने को कहा जा रहा है यह भी गुस्ल की सुन्नत है इसके बाद पूरे बदन पर तीन बार पानी बहाएं।

#8. फिर अलग हो कर पांव धोना

यहां पर अलग हो कर पांव धोने का तात्पर्य यह है कि जिस जगह आप गुस्ल कर रहे हैं वहां से अलग हट कर अपने पावों को अच्छे से धो लें।

#9. नहाने में क़िब्ला रूख न होना

नहाने में क़िब्ला रूख यानी आपका पूरे शरीर का डायरेक्शन दिशा काबा की ओर नहीं होनी चाहिए जी हां बिल्कुल इसका ख्याल रखें।

#10. फिर हांथ फेर कर मलना

शरीर के पूरे भाग पहले हाथों को अच्छे से सभी अंगों तक फेर लें इसके बाद पानी के ज़रिए पहले अपने हाथों से अच्छे से मलें पूरे बदन को।

#11. मुख्य अंगों को छिपाना

यहां पर पुरुष को अपने नाफ से लेकर घुटनों तक छिपाना होता है और औरत को अपने सीने से लेकर घुटने तक पर्दे में गुस्ल कर रहे हैं तो कोई हर्ज नहीं।

#12. गुस्ल में किसी से बात न करना

गुस्ल करते समय फालतू की बातों से परहेज़ करना चाहिए नहीं तो सुन्नत की सवाब कम हो जाएगी और हां गुस्ल में दुआ भी नहीं पढ़ना होता है।

गुस्ल की सुन्नत व हिदायत

आप ऐसे जगह पर गुस्ल हरगिज़ न करें जहां पर लोग आसानी से देख लें भले ही क्यों न आप पर्दे में गुसल कर रहे हैं यह औरत और मर्द दोनों के लिए है।

अगर जहां पर लोग आसानी से नहीं फिर भी दिखने की मकाम हो तो पर्दा लाज़मी है और बाथरूम वगैरा या फिर ऐसा जगह जो पुरी तरह बंद हो।

ऐसे जगहों पर आप बदन खुला कर के भी यानी शरीर पर बगैर कपड़े के भी नहा सकते हैं इस बात का भी ख्याल रखें ख़ास कर औरतें की बैठ कर गुस्ल करें।

जब गुस्ल मुकम्मल हो जाए यानी जब आप नहा लें तो तौलियां या किसी भी कपड़े के मदद से पूरे बदन की पानी को पोंछ लें।

फिर ज्यादा देर तक उघारे बदन ना रहें और औरतें तो बिल्कुल भी ना रहें कपड़े को अपने बदन पर जितनी जल्दी डालेंगे उतनी ही बेहतर होगी।

अंतिम लफ्ज़

अब तक तो आप आसानी से पढ़ कर गुस्ल की सुन्नत समझ गए होंगे और अब से हर बार गुस्ल सुन्नत पर अमल करते हुए पुरा यानी मुकम्मल करेंगे।

हमने यहां पर तमाम बातें बहुत सरल शब्दों में लिखा जिसे आप आसानी से समझ जाएं अगर अभी भी आपके मन में कोई डाउट हो तो कॉन्टेक्ट करके ज़रूर पूछें।

अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो यानी इसे आपको कुछ भी सीखने को मिली हो तो ऐसे इल्म भरे लेख को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं।

My name is Muhammad Ittequaf and I'm the Editor and Writer of Namazein. I'm a Sunni Muslim From Ranchi, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.