Wazu Ki Sunnat : जानिए वजू में कितनी और कौन कौन सी सुन्नत है?

जिस तरह से वजू के फराईज़ और वाजिबात वजू का एक बहुत अहम हिस्सा है ठीक इसी तरह Wazu Ki Sunnat पर भी आप को गौर करना चाहिए।

अगर हम वजू की सुन्नत का ख्याल रखते हुए वजू मुकम्मल करते हैं तो हमें न कि सिर्फ इबादत से बल्कि अच्छे से वजू करने का भी सवाब हासिल होगा।

ऐसे में हमें इसकी सुन्नत जानना चाहीए इसीलिए हमने यहां पर वजू की सुन्नत और सुन्नत को अमल का मुकम्मल तरीका बहुत ही आसान लफ्ज़ों में बताया है।

Wazu Ki Sunnat

  • नियत करना
  • बिस्मिल्लाह पढ़ना
  • दोनों हांथ गट्टों तक धोना
  • मिस्वाक करना
  • तीन बार कुल्ली करना
  • तीन बार नाक में पानी डालना
  • दाढ़ी का खिलाल करना
  • हाथ-पांव की उंगलियों का खिलाल करना
  • हर अज्व को तीन बार धोना
  • पुरे सर का मसह करना
  • दोनों कानों का मसह करना
  • तरतीब से वजू करना
  • अजा को लगातार धोना
  • दाढ़ी के बाल का मसह करना

#1. नियत करना

यहां पर आप को दिल से नियत करने को कहा गया है आप अपने दिल में पक्का इरादा करें।

अपने दिल से इस इरादे से वजू करें कि हम अपने रब की रजा और उसकी इबादत के लिए वजू कर रहे हैं।

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#2. बिस्मिल्लाह पढ़ना

हर नेक व जायज़ काम की तरह वजू करने से पहले भी जरूर बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ें।

आप इसे भूलें नहीं ऐसा नहीं की आपकी वजू नहीं होगी लेकिन यह मेरे नबी की सुन्नत है।

#3. दोनों हांथ गट्टों तक धोना

यहां पर आप अपने दोनों हाथों को एक दुसरे हांथ के मदद से तीन तीन बार गट्टों तक अच्छे से धोएं।

अगर आप किसी चीज़ में डूबों कर वजू कर रहे हैं तो गट्टों तक धोने के लिए सिर्फ उंगली डालेंगे।

मतलब यह कि अगर हौज में या कहीं पर ज्यादा पानी हो वहां पुरा हंथेली न डालें सिर्फ उंगली की मदद से धोएं।

#4. मिस्वाक करना

मिस्वाक दातों की चौड़ाई से करें सबसे पहले दाहिने जानिब की उपर की दांत को मांजे।

इसके बाद दाहिने तरफ की नीचे की दांत फिर इसी प्रकार बाएं जानिब भी मिस्वाक करें।

#5. तीन बार कुल्ली करना

यहां तीन बार कुल्ली इस तरह करें कि पानी तमाम मूंह के अंदर हलक की जड़ तक पहूंच जाए।

अगर आप रोजे की हालत में नहीं हैं तो आप अच्छे से गरारा करें जिसे सब जगह पानी पहूंच जाए।

#6. तीन बार नाक में पानी डालना

इस तरह से नाक में पानी डालें कि नर्म हड्डी तक वहां तक पानी पहूंच कर अच्छे से बह जाए।

अगर रोजे की हालत में न हो तो नाक के जड़ तक पानी पहुंचाएं दाहिने हांथ की मदद से।

फिर बाएं हाथ की मदद से नाक साफ करें और छोटी उंगली से अंदर की मैल निकालें।

#7. दाढ़ी का खिलाल करना

यह पुरुष हजरात के लिए है कि मूंह धोते वक्त दाढ़ी का खिलाल अच्छे से करें।

इस तरह से की गले की तरफ से उंगली डालें और उपर निकालें एहराम बांधे हुए हैं तो कोई हर्ज नहीं।

#8. हाथ-पांव की उंगलियों का खिलाल करना

हांथ की उंगलियां को एक दुसरे हांथ की मदद से खिलाल करें पांव को बाएं हाथ से खिलाल करें।

इस तरह से की पहले दाहिने पांव में छोटी उंगली से शुरू करें और अंगूठे पर खत्म करें।

लेकिन बाएं पांव में जस्ट उल्टा करें यानी अंगूठे से शुरू कर के छोटी उंगली पर खत्म करें।

#9. हर अज्व को तीन बार धोना

इस सुन्नत में वजू में धुलने वाले हर हिस्से को तीन बार अच्छे से धोने को कहा गया है।

अगर एक हिस्सा भी धुलने से बाकी रह गया तो याद रखें कि वजू की सुन्नत अदा नहीं होगी।

#10. पुरे सर का मसह करना

यहां पर पूरे सर का मसह और कानों का मसह करने को कहा जा रहा है इस तरह की।

पहले मूंह और हांथ धो कर सर का मसह करें इसके बाद पांव को धोना चाहिए।

#11. दोनों कानों का मसह करना

हमने इसे उपर में ही बताया कि सर के साथ साथ कानों को भी मसह करना चाहिए।

#12. तरतीब से वजू करना

यहां पर तरतीब यानी सही तरीके से वजू करने को कहा जा रहा है इस तरह से की।

पहले मूंह फिर हांथ फिर मसह करना फिर पांव धोना अगर ऐसा नहीं किया तो वजू की सुन्नत अदा नहीं होगी।

#13. अजा को लगातार धोना

अजा को लगातार धोना यानी एक के बाद एक हिस्से को सूखने से पहले लगातार धोते चले।

ऐसा अगर हो की इस हिस्से को धोने से पहले धोया हुआ सुख गया तो वजू की सुन्नत अदा न होगी।

#14. दाढ़ी के बाल का मसह करना

दाढ़ी के जो बाल मूंह के नीचे हो उनका भी मसह करना यह चीज़ वजू की सुन्नत है।

और धोते वक्त इसे भी धोना चाहिए कि इस धोना भी मुस्तहब है तो ध्यान रखें।

अंतिम लफ्ज़

मेरे प्यारे मोमिनों अब तक तो आप आसानी से पढ़ कर वजू की सुन्नत जान गए होंगे और हमेशा वजू की सुन्नत का ख्याल रखते हुए वजू मुकम्मल करेंगे इंशाल्लाह।

हमने यहां पर वजू की सुन्नत बहुत ही आसान और सरल शब्दों में बताया जिसे आप आसानी से समझ जाएं और अमल में लाने में कोई दिक्कत न आए।

अगर वजू की सुन्नत से रिलेटेड अभी भी आपके मन में कोई डाउट हो तो आप हमसे कॉमेंट करके या फिर मेल के ज़रिए कॉन्टेक्ट करके ज़रूर पूछें।

My name is Muhammad Ittequaf and I'm the Editor and Writer of Namazein. I'm a Sunni Muslim From Ranchi, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.