आप इमैजिन करें कि एक ऐसे स्थिति में हैं जहां आपको वजू की ज़रूरत हो लेकिन आपके इर्द गिर्द पानी न हो या फिर ऐसी परिस्थिति में हैं कि पानी नहीं छू सकते।
ऐसे में आप तयम्मुम करके अपनी वजू की ज़रूरत को पूरा कर सकते हैं इसीलिए आपको Tayammum Ka Tarika मालूम होना चाहिए जहां पानी की ज़रूरत नहीं होती।
यह भी एक बहुत ही बेहतर वजू का अल्टरनेटिव है और इसे करके आप नमाज़, कुरान पढ़ना, दरगाह विजिट करना या कोई भी इबादत मुकम्मल कर सकते हैं।
Tayammum Ka Tarika
- बिस्मिल्लाह शरीफ़ पढ़ना
- तयम्मुम का नियत करना
- मिट्टी पर हाथों को फेरना
- कुहनियों को मलना
- सभी हिस्सों में अच्छे से हांथ फेरना
#1. बिस्मिल्लाह शरीफ़ पढ़ना
तयम्मुम शुरू करने से पहले एक मरतबा बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ लें क्योंकी किसी भी नेक व जायज़ काम से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ना बेहतर होता है।
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#2. तयम्मुम का नियत करना
तयम्मुम करने का नियत यह है कि आप अपने में इरादा करें या जबान से बोलें मैं तयम्मुम नापाकी दूर करने के लिए नमाज़ और इबादत के लिए तयम्मुम करता हूं।
#3. मिट्टी पर हाथों को फेरना
हाथों को अच्छे से मिट्टी पर फेरे और मिट्टी पाक होनी चाहिए फिर हाथों को झाड़कर पूरे चेहरे पर मलना है जितना हिस्सा वजू में धोया जाता है।
#4. कुहनियों को मलना
फिर मिट्टी पर हाथों को फेर कर एक दुसरे हांथों से कोहनियों तक मलें और सभी उंगलियों के बीच हांथ को अच्छे से फिराएं।
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#5. सभी हिस्सों में अच्छे से हांथ फेरना
जितना हिस्सा में हांथ फेरना हो उस हिस्से का बाल बराबर भी नहीं छूटना चाहिए अगर कोई चीज़ या जेवर वगैरा हो तो उसे उतार लें।
अगर हांथ में चूड़ियां या कोई जेवर या फिर घड़ी हो तो उसे हटा कर इसके नीचे के सभी हिस्से यानी खाल पर अच्छे से हाथों को फिराएं।
तयम्मुम किन चीजों पर किया जा सकता है?
ऐसी चीज जो आग से जलकर ना राख होती है ना पिघलती है और ना ही नरम होती है ऐसी चीजों से तयम्मुम जायज है जो जमीन का जिन्स यानी वस्तु हो जैसे:
रेत
मिट्टी
पत्थर
मुर्दासंग
गेरू मिट्टी
पक्की ईंट
मिट्टी का दीवार
मिट्टी का बर्तन
शोरा पानी में भीगने से पहले
इन सभी प्रकार की जमीन की किस्म से तयम्मुम जायज है लेकिन इतना जरूर ध्यान रखें कि सभी चीजें पाक हो यानी किसी भी तरह की नजासत का असर ना हो।
यदि किसी चीज पर नजासत लगी भी हो और फिर बाद में सुख भी जाएगा तो वहां से आप तयम्मुम नहीं कर सकते हालांकि ऐसी जगह पर नमाज जायज है।
तयम्मुम के फराईज
तयम्मुम की नीयत
चेहरे पर हाथ फिराना
कोहनियों समेत दोनों हाथों पर हाथ फिराना
तयम्मुम की सुन्नत
बिस्मिल्लाह पढ़ना
हाथों को जमीन पर मारना
अगर हाथों में गुबार ज्यादा लग गया तो उसे झाड़ना
जमीन पर हाथ मार कर हाथ को लौटा देना
पहले मुंह पर हाथ मारना
फिर हाथों पर हाथ फिराना
चेहरा तथा हाथों पर लगातार हाथ फिराना
पहले दाएं फिर बाएं हाथ पर हाथ फिर आना
उंगलियों से दाढ़ी का खिलाल करना
उंगलियों का खिलाल करना जब इनमें गुबार भर गया हो
अंतिम लफ्ज़
अब तक तो आप सही से और आसानी से तयम्मुम करना सिख ही गए होंगे क्योंकी हमने यहां पर तयम्मुम से रिलेटेड तमाम बातें बहुत ही साफ़ लफ्जों में बताया था।
जिसे आप आसानी से तयम्मुम करना सिख जाएं अगर अभी भी आपके मन में कोई सवाल या फिर कोई डाउट हो तो कॉमेंट या कॉन्टैक्ट अस के थ्रू हमसे जरूर पूछें।
अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो यानी इसे कुछ अच्छी इल्म हासिल हुई हो तो जिन्हें यह मालुम नहीं है उन तक इस लेख को ज़रूर शेयर करें।
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