Fajar Ki Namaz Ki Niyat । फजर की नमाज की नियत हिंदी और अरबी में

आज यहां पर आप Fajar Ki Namaz Ki Niyat हिंदी और अरबी में जानेंगे हमने यहां पर फजर की नमाज की हिंदी और अरबी नियत साफ़ और आसान लफ़्ज़ों में लिखा है जिसे आप आसानी से समझ जाएंगे।

इसे पढ़ने के बाद आप आसानी से फजर की नमाज की नियत कर पाएंगे फिर इसके बाद आपको कहीं पर फजर की नमाज की नियत ढूढ़नी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पर ध्यान से पुरा पढ़ें और समझें।

Fajar Ki Namaz Ki Niyat

फजर की नमाज की नियत दो बार करनी होती है सबसे पहले 2 रकात सुन्नत नमाज की फिर इसके बाद 2 रकात फर्ज की यहां आप दोनों नियत जानेंगे।

यानी कि फजर की नमाज में सुन्नत और फर्ज 2-2 रकात पढ़नी होती है आप यहां सबसे पहले 2 रकात सुन्नत की नियत करेंगे फिर फर्ज की नियत करेंगे।

फजर की 2 रकात सुन्नत की हिंदी नियत

  • नियत की मैने 2 रकात नमाज ए फजर की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

फजर की 2 रकात सुन्नत की अरबी नियत

  • नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावतिल फजरी सुन्नत रसुल्लाहे मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफते अल्लाहू अकबर।

फजर की 2 रकात फर्ज की हिंदी नियत

  • नियत की मैने 2 रकात नमाज ए फजर की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

फजर की 2 रकात फर्ज की अरबी नियत

  • नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावतिल फजरी फर्जुल्लाहे तआला मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफते अल्लाहू अकबर।

फजर की नमाज की नियत कैसे करें?

Fajar Ki Namaz Ki Niyat Kaise Kare

सबसे पहले आप नियत के लफ्ज पुरा सही से पढ़ें और ये भी नियत दिल में होनी चाहिए कि हम रब की रजा के लिए इस नमाज को पढ़ रहे हैं।

नियत करने के बाद अल्लाहू अकबर कहते हुए अपने हाथों को उठाएं, अगर आप औरत हैं तो हांथ को कांधे तक उठा कर फिर नीचे सीने पर ला कर बांध लें।

अगर आप एक पुरुष जमात से हैं तो आप अपने हाथों को कान तक उठाएंगे और कान की लौ छू कर नीचे लाकर नाफ के नीचे बांध लें।

नियत इस तरह से बांधेंगे कि नीचे बाईं हथेली रखें उसके उपर दाहिना हांथ रखें तीन उंगली उपर रखें और दो उंगली से उपर नीचे पकड़ लें।

फजर की नमाज की नियत में ध्यान रखें

  • अगर आप जमात के साथ नमाज पढ़ेंगे तो आप हिंदी नियत में वास्ते अल्लाह तआला के बाद पीछे इस इमाम के बोल कर आगे की लफ्ज पढ़ के नियत बांधेंगे।
  • अरबी नियत में इकत दयतू बिहाजल इमाम के बाद मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफते कहेंगे इसके बाद अल्लाहू अकबर कह कर नियत बांधेंगे।
  • अगर आपसे लफ्ज़ की अदायगी सही से ना हो तो आप सिर्फ दिल की नियत से भी नियत करके अल्लाहू अकबर कह कर नियत बांध सकते हैं।
  • हमने आपको उपर में भी कई बार बताया कि जुबानी नियत से पहले दिल में भी नियत होनी चाहिए या फिर जुबानी नहीं हुई तो भी कोई हर्ज नहीं।

अंतिम लफ्ज़

मेरे प्यारे मोमिनों आप ने अब तक तो फजर की नमाज की नियत और नियत करने का तरीका भी समझ गए होंगे हमने यहां पर नियत की दोनो किस्म को अरबी और हिंदी में पेश किया था जिसे आप अपने मुताबिक जो अच्छा लगे उसे पढ़ कर नमाज़ आसानी से शुरू कर सकें।

अगर इसके बाद भी कोई डाउट हो तो आप कॉमेंट करके हमसे जरूर पूछें साथ ही कहीं टाइपिंग मिस्टेक या कुछ गलत लगे तो तो भी इनफॉर्म करें साथ ही अपने दोस्तों अहबाबों को भी बता कर सवाब हासिल करें इस के लिए आप को हम सब का रब जरूर अज्र देगा इंशाल्लाह तआला।