Safar Ki Dua In Hindi । सफ़र की दुआ हिंदी, इंग्लिश, और अरबी में जानें

आज़ यहां पर आप एक बहुत ही ख़ास महफूज व हिफाज़त भरी दुआ यानी कि Safar Ki Dua In Hindi के साथ साथ अरबी और इंग्लिश में भी जानेंगे।

यहां पर सफ़र की दुआ को बहुत ही साफ़ और आसान लफ्ज़ों में बताया गया है जिसे आप आसानी से सही दुआ पढ़ कर अपना सफ़र शुरू कर सकें।

फिर इसके बाद आपको कहीं पर भी सफ़र की दुआ नहीं देखनी पड़ेगी इसीलिए आप यहां पर हर हर्फ को सही सही और ध्यान से आख़िर तक पढ़ें।

Safar Ki Dua In Hindi

सुब्हानल्लजी सख़्खरालना हाज़ा वमाकुन्ना लहु मुकरिनीन व इन्ना इला रब्बिना लमुन कलिबून

Safar Ki Dua In Hindi
Safar Ki Dua In Hindi

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Safar Ki Dua In Arabic

سُبْحَانَ الَّذِي سَخَّرَ لَنَا هَـٰذَا وَمَا كُنَّا لَهُ مُقْرِنِينَ وَإِنَّا إِلَىٰ رَبِّنَا لَمُنقَلِبُونَ

Quran 43: 13-14

Safar Ki Dua In English

Subhanallazi Sakhraalanaa Haazaa Wamaakunnaa Lahu Mukrineen Wa Inna illa Rabbina Lamun Kaliboon.

Safar Ki Dua In English
Safar Ki Dua In English

Safar Ki Dua Ka Tarjuma

पाक व बुलन्द है वह खुदा जिसने इसको हमारे बस में कर दिया हालांकि हम इसको काबू में करने वाले न थे यकिनन हम अपने परवरदिगार की तरफ लौट जानें वाले हैं

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सफर की सुन्नत व आदाब

  • आपको जरूरत के अनुसार किसी भी दिन सफर करना चाहिए।
  • लेकिन अगर सफर में जल्दी न हो तो जुमेरात को सफर का इरादा करें।
  • सफर शुरू करने का बेहतर वक्त सवेरे का है क्योंकि सुबह चलना हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कि सुन्नत है।
  • तन्हा सफर से बचें इसे आपकी परेशानी भी बढ़ेगी और।
  • हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अकेले सफर करने से बचने की ताकीद फरमाई है।
  • अगर दो से ज्यादा हैं तो किसी एक को रहबर बनाए ताकि कोई भी।
  • अपनी मनमानी से इधर उधर न जा सके क्योंकी बगैर राय मस्वारा के सफ़र में बदमजगी पैदा होगी।
  • हमारी मां बहने कभी भी तन्हा सफ़र न करें औरत को हमेशा किसी महरम के साथ सफर करना चाहिए।
  • अलबत्ता सफर शहर के अन्दर हो या आधी ही दिन का क्यूं न हो।
  • एक हदीस शरीफ के मुताबिक रसूले अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि।
  • अल्लाह तआला और कयामत पर इमान रखने वाली औरत के लिए महरम के बगैर सफर जायज़ नहीं।
  • लिबासे सफर पहन कर अगर वक्ते मकरूह न हो तो घर में 4 रकात नफल पढ़ कर बाहर निकलें।

FAQs

सफर की दुआ क्या है?

सफर की दुआ ‘सुब्हानल्लजी सख़्खरालना हाज़ा वमाकुन्ना लहु मुकरिनीन व इन्ना इला रब्बिना लमुन कलिबून’ है।

कुरान में सफर की दुआ कहां है?

कुरान में सफर की दुआ 43 वां पारा में सूरह अज़-जुख्रुफ के आयत 13-14 में है।

अंतिम लफ्ज़

अब तक तो आप भी आसानी से सफ़र की दुआ पढ़ और समझ कर याद कर लिए होंगे और सफ़र से पहले पढ़ कर सफ़र को सुरक्षित करेंगे।

हमने यहां पर दुआ के साथ साथ और भी बेहतरीन ज़रूरी बातें बहुत ही साफ़ और आसान लफ्ज़ों में बताया जिसे आप आसानी से समझ सकें।

अगर अभी भी आपके मन में कोई सवाल या फिर किसी तरह का कोई कंफ्यूजन भी हो तो आप हमसे कॉन्टेक्ट मि के ज़रिए जरूर पूछें।