आज के इस लेख में आप एक बहुत ही ख़ास जरूरी और हिदायत भरी इल्म यानी कि Humbistari Ka Tarika जानेंगे जो हर मुस्लिम मर्द व खातून के लिए बहुत जरूरी है।
आज़ हम जिस दौर से गुज़र रहे हैं इसमें बेहयाई और बुराई को फैशन के तौर पर सरेआम दिखाया जा रहा है जिससे नौजवान तबकात पर बहुत ही असर पड़ रहा है।
ऐसे में हमें एहतियात बरतनी होगी और एहतियात तब ही बरती जाएगी जब मुकम्मल इल्म होगी इसीलिए आप यहां पर ध्यान से पुरा लेख आखिर तक पढ़ें और समझें।
Humbistari Ka Tarika
हमबिस्तरी शुरू करने से पहले बेहतर होगा कि बा वजू हो लें इसके बाद अब आपस में दोनों अच्छी अच्छी और प्यार भरी बातें करें क्योंकी यह एक सुकुने कल्ब और राहते जां भी है।
इसके साथ साथ एक दूसरे को हाथों को ज़रिए बहलाएं एक दूसरे को सहलाएं यह सब जितना हो सके करें इसे हदीस में नेकी के तौर पर बताया गया है।
कभी भी बगैर पूछे अपनी बीबी पे जोखिम ना डालें अगर औरत किसी बीमारी से गुज़र रही हो तो इसे भी पूछ लें सिर्फ अपनी इच्छा और फ़ायदा नहीं देखना चाहिए।
इसके बाद आप एक दफा हमबिस्तरी की दुआ जरूर पढ़ें और हमबिस्तरी से पहले इफ्फत व अस्मत की हिफाजत नेक व सालेह औलाद, हराम काम से बचने की नियत करें।
इसके बाद हमबिस्तर हों और गलत तरीके से हमबिस्तर होने से बचें खड़े खड़े भी ना करें हमने हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बात नीचे बताई है तो आप पुरा आर्टिकल को ध्यान से पढ़ कर समझें।
हमबिस्तरी से पहले इन बातों पर गौर फरमाएं
- हमबिस्तरी का जगह सिक्योर और साफ़ हो।
- हमबिस्तरी कभी भी खुले में बेपर्दा नहीं करें।
- हमबिस्तरी की जगह प्राईवेट और पूरे बंद हो।
- हमबिस्तरी से कब्ल दवा का इस्तेमाल ना करें।
- हमबिस्तरी से पहले बहलाएं और फुसलाएं।
हमबिस्तरी के वक्त इन बातों का ध्यान रखें
बीबी की अगली शर्मगाह में जिमा करना बेहतर होता है इस दौरान बदन का हर हिस्सा को छू सकते हैं।
आजकल के मुआशरे में ओरल सेक्स की भी लत लगी है तथा कई लोग इसे ताल्लुक सवाल करते हैं।
यहां तक कि मर्दों द्वारा भी शर्मगाह को चूमने का सवाल आता है तो याद रखें कि यह किसी के लिए भी जायज नहीं है।
आजकल के लोगों में यह भी बेहयाई आम हो गई है कि गैर फितरी तरीक़े से दोनों हमबिस्तर होते हैं जैसे 69 और अन्य पोजिशन यह बेहयाई और खिलाफ़ ए शरीयत है।
हमबिस्तर कभी भी खड़े खड़े ना करें ना ही कभी भी बैठे बैठे भी करना चाहिए।
पिछली शर्मगाह में भी जीमा करना नहीं चाहीए ऐसा करना हदीस में लानत का करार दिया गया है लेकिन एक गलतफहमी भी है कि निकाह टूट जाती है जो हकीकत नहीं है।
बिला वजह यानी शौक से मनी शर्मगाह से बाहर निकालना नजाइज है क्यूंकि निकाह का अहम मकसद अफजाइशे नस्ल है।
मनी खारिज होने के बाद से तुरंत अलग अलग न हो जाएं हां लेकिन अपने अपने मकाम को साफ कर लें।
एक बात का भी ध्यान रहे कि अपने साथ साथ बीबी को भी जहनी और जिस्मानी तौर पर राजी करें क्योंकि औरत का इंजाल देर से होता है।
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अंतिम लफ्ज़
अब तक तो आप भी आसानी से हमबिस्तरी का सही और सुन्नत तरीका पढ़ कर समझ गए होंगे और अमल में ला कर इस्लामी शरीयत को मुकम्मल कर के खूब सवाब व बरकत पाएंगे।
हमने यहां पर हर छोटी से छोटी और बड़ी बातें बहुत ही साफ़ और आसान लफ्ज़ों में बताया था जिसे आप आसानी से समझ जाएं और आपके सभी कंफ्यूजन दूर हो जाए।
अगर अभी भी आपके मन में कोई सवाल या फिर किसी तरह का कोई डाउट भी हो तो आप हमसे अपने सवाल को कॉन्टेक्ट मि पेज के ज़रिए पूछ सकते हैं।