आज यहां आप Ashura Ki Namaz Ka Tarika बहुत ही आसानी से जानेंगे क्योंकी हमने यहां पर आशूरा की नमाज़ पढ़ने का सही तरीक़ा, नियत, रकात सभी चीजें बहुत ही स्पष्ट और आसान लफ़्ज़ों में बताया है।
इसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी आशूरा की नमाज़ अदा कर पाएंगे फिर इसके बाद आपको कहीं पर भी आशूरा की नमाज़ अदा करने का तरीका ढूंढनी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पे पुरा ध्यान से पढ़ें।
Ashura Ki Namaz Ka Tarika
आप को सबसे पहले इसकी जानकारी ज़रूर होनी चाहिए कि आशूरा की नमाज़ 2 रकात की नियत से एक सलाम में पढ़ा जाता है।
हमने यहां पर दोनों रकातों को एक एक करके स्टेप बाय स्टेप बताया है आप ध्यान से पढ़ कर समझ लें जिसे आसानी से आशूरा की नमाज़ पढ़ सकें।
Ashura Ki Namaz Ka Tarika – पहली रकात
- आप सबसे पहले आशूरा की नमाज़ की नियत करें।
- हमने नीचे आशूरा की नमाज़ की नियत भी बताई है।
- इसके बाद हांथो को नीचे लाकर नियत बांध लेंगे।
- इसके बाद सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा पुरा पढ़ें।
- फिर तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
- अब तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ेंगे।
- इसके बाद सूरह फातिहा यानी अलहम्दु शरीफ पुरा पढ़ें।
- सूरह फातिहा पुरा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
- फिर सूरह इखलास कुल हू वल्लाहू शरीफ 3 बार पढ़ें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
- रूकूअ में 3, 5, या 7 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
- रूकूअ से उठते उठते भर में रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं।
- सज्दे में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
- फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
- दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
Ashura Ki Namaz Ka Tarika – दुसरी रकात
- यहां पहले अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ें।
- इसके बाद सूरह फातिहा पढ़ें और आहिस्ते से आमिन कहें।
- आप को यहां भी सूरह इख्लास को 3 मरतबा पढ़ना है।
- फिर इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
- रूकूअ में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठेंगे।
- फिर यहां भी उठने पर रब्बना लकल हम्द ज़रूर कहें।
- इसके बाद तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दा में जाएं।
- सज्दे में भी कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठेंगे।
- फिर फ़ौरन अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
- दुसरी सज्दा में भी ज़रूर 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठ जाएं।
- इसके बाद तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ा जाता है।
- अत्तहिय्यात पढ़ते हुए कलिमे ला पर उंगली उठाएंगे।
- फिर तुरंत इल्ला पर उंगली गिरा कर सीधी कर लेंगे।
- इसके बाद दुरूदे इब्राहिम पढ़ें फिर दुआ ए मसुरा पढ़ें।
- अब अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कह कर सलाम फेर लें।
- पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएंगे।
- फिर दुसरी बार अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं तरफ गर्दन घुमाएंगे।
यहां आपकी आशूरा की नमाज़ की 2 रकात नमाज मुकम्मल हो गई आप इसी तरह 2 – 2 रकात की नियत से 4, 6, 8 या जितनी रकात चाहें पढ़े।
इसके बाद 70 मरतबा आप नमाज़ से फारिग होकर यह तस्बीह पढ़ेंगे।
सुब्हानल्लाहि वल हम्दु लिल्लाहि वला इल्लाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर
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आशूरा की नमाज़ का सही तरीका
आप आशूरा की नमाज़ के लिए इस बात पर गौर फरमाएं कि हर रकात में सूरह फातिहा के बाद 3 बार सूरह इख्लास पढ़ना है इसके बाद रुकुअ और सज्दा करना है।
हर दो रकात पर सलाम के बाद 70 दफा उस तस्बीह को पढ़ेंगे जिसे पढ़ने के लिए हमने आपको उपर में बताया है, इस तस्बीह को आप हर दो रकात के बाद जरूर पढ़ें।
आशूरा की रात 9 मुहर्रम को मगरिब के बाद 4 रकात नमाज़ इस तरकीब से पढ़ें कि हर रकात में सूरह फातिहा के बाद आयतुल कुरसी 1 बार और सूरह इख्लास 3 बार पढ़ें।
इस तरह से चार रकात की नमाज़ को एक सलाम के साथ अदा करें, नमाज़ से फारिग होने के बाद 100 मरतबा सूरह इख्लास पढ़ें।
इस नमाज़ को पढ़ने से पढ़ने वाला गुनाह से पाक होगा साथ ही बहिश्त में बे इन्तहा नेमत मिलेगी अल्लाह इस नमाज के पढ़ने वालों के तमाम गुनाहों को माफ फरमाएगा।
Ashura Ki Namaz Ki Niyat
नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ आशूरा की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ़ अल्लाहु अकबर।
याद रहे हर 2 रकात के लिए आशूरा की नमाज़ की नियत यही होगी और 4 रकात नमाज़ के लिए नियत नीचे की होगी इसका ध्यान रखें।
नियत की मैंने 4 रकात नमाज़ आशूरा की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ़ अल्लाहु अकबर।
Ashura Ki Namaz Ki Rakat
आशूरा की नमाज़ 2 – 2 रकात की नियत से कम से कम तो 4 रकात नमाज़ आशूरा के दिन जरूर अदा करें और आशूरा की रात 4 रकात की नियत से 12 रकात अदा करें।
अगर आपका सवाल कुछ इस तरह है कि कितना आशूरा की नमाज़ पढ़ना चाहिए तो इसका सीधा जवाब नहीं है आप जितना चाहें उतना पढ़ें।
Ashura Ki Namaz Ka Waqt
आशूरा के दिन की नमाज़ आशूरा सूरज निकलने के बाद कभी भी अदा कर सकते हैं, आप को आशूरा की नमाज़ आशूरा के दिन मतलब दस मुहर्रम को असर कि नमाज़ से पहले अदा कर लेनी चाहिए।
लेकिन इस बीच सूरज निकलने से लेकर असर की नमाज तक के बीच मकरूह वक्त में आशूरा की नमाज नहीं अदा करनी चाहिए, लेकीन रात में पढ़ी जाने वाली आशूरा की नफ्ल नमाज़ आप मगरिब के बाद शुरू करें।
लेकीन ईशा से पहले सिर्फ 4 रकात ही पढ़ें बाकि 4- 4 रकात करके नमाज़े ईशा के बाद मुकम्मल करें और सुबह यानी आशूरा के दिन होते तक आप जितना चाहें पढ़े यहां पर सिर्फ 4 रकात वाली नमाज़ पढ़ें।
अंतिम लफ्ज़
मेरे प्यारे मोमिनों आप ने अब तक तो आशूरा की नमाज़ अदा करना सिख ही गए होंगे अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमसे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं और इस बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच शेयर करें जिसे वो भी सही से आशूरा की नमाज़ पढ़ सकें।
एक बात और अगर कहीं पर आपको गलत लगा हो या कहीं कुछ छूट गई हो तो भी आप हमें कॉमेंट करके इनफॉर्म करें ताकि हम अपनी गलतियां सुधार सकें हम सब से छोटी बड़ी गलतियां होती रहती है इस के लिए आप को हम सब का रब जरूर अज्र देगा इंशाल्लाह तआला।
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