Jumma Ki Namaz Ka Tarika । जुम्मा की नमाज का सही तरीका

यहां पर आप Jumma Ki Namaz Ka Tarika बहुत ही आसानी से जानेंगे क्योंकी हमने यहां पर जुम्मा की नमाज पढ़ने का सही तरीक़ा, नियत, रकात सभी चीजें बहुत ही स्पष्ट और आसान लफ़्ज़ों में बताया है।

इसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी जुम्मा की नमाज अदा कर पाएंगे फिर इसके बाद आपको कहीं भी जुम्मा की नमाज अदा करने का तरीका ढूंढनी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पुरा ध्यान से पढ़ें।

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Jumma Ki Namaz Ka Tarika

आपको भी यह मालूम होगा कि जुम्मा की नमाज में सुन्नत, फर्ज और नफ्ल नमाज मिलाकर सब 14 रकात नमाज अदा की जाती है।

सबसे पहले 4 रकात सुन्नत फिर 2 रकात फर्ज इमाम साहब के पीछे जुम्मा की नमाज में पढ़ी जाती है इसके बाद आप इस बात का ध्यान रखें।

अगर जुम्मा की नमाज में 2 रकात फर्ज के बाद इमाम साहब जमात से पढ़ाते हैं तो वो जोहर की 4 रकात फर्ज होगी आप उसकी नियत करें।

अगर 2 रकात फर्ज के बाद सब अकेले अकेले पढ़ने लगें तो वो जुम्मा की 4 रकात सुन्नत नमाज होगी यह बड़े शहरों में देखने को मिलता है।

इसके बाद फिर 2 रकात सुन्नत और आख़िर में 2 रकात नफ्ल नमाज पढ़ी जाती है हम यहां पर सब को एक एक करके स्टेप बाय स्टेप जानेंगे।

एक और बात पर ध्यान दें कि जुम्मा की नमाज में सबसे पहले 2 रकात दाखिल मस्जिद की नमाज भी पढ़ी जाती है इसका भी सही तरीका यहां समझ लें।

जुम्मा की 2 रकात नमाज का तरीका – पहली रकात

  1. पहले यहां दाखिल मस्ज़िद की नमाज़ की नियत करें।
  2. नीचे दाखिल मस्ज़िद की नमाज़ की नियत भी बताई है।
  3. इसके बाद हांथो को नीचे लाकर नियत बांध लेंगे।
  4. इसके बाद सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा पुरा पढ़ें।
  5. फिर तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
  6. अब तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ेंगे।
  7. इसके बाद सूरह फातिहा यानी अलहम्दु शरीफ पुरा पढ़ें।
  8. सूरह फातिहा पुरा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
  9. फिर यहां पर कोई भी एक नमाज की सूरह पढ़ना है।
  10. इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
  11. रूकूअ में 3, 5, या 7 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
  12. फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
  13. रूकूअ से उठते उठते भर में रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
  14. इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं।
  15. सज्दे में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  16. फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
  17. फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
  18. दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  19. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं‌।

जुम्मा की 2 रकात नमाज का तरीका – दूसरी रकात

  1. सबसे पहले अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ें।
  2. इसके बाद सूरह फातिहा पढ़ें और आहिस्ते से आमिन कहें।
  3. फिर यहां भी कोई कुरान पाक की नमाज की सूरह पढ़ें।
  4. फिर इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
  5. रूकूअ में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
  6. फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठेंगे।
  7. फिर यहां भी उठने पर‌ रब्बना लकल हम्द‌ ज़रूर कहें।
  8. इसके बाद तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दा में जाएं।
  9. सज्दे में भी कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  10. फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठेंगे।
  11. फिर फ़ौरन अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
  12. दुसरी सज्दा में भी ज़रूर 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  13. अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठ जाएं।
  14. इसके बाद तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ा जाता है।
  15. अत्तहिय्यात पढ़ते हुए कलिमे ला पर उंगली उठाएंगे।
  16. फिर तुरंत इल्ला पर उंगली गिरा कर सीधी कर लेंगे।
  17. इसके बाद दुरूदे इब्राहिम पढ़ें फिर दुआ ए मसुरा पढ़ें।
  18. अब अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कह‌ कर सलाम फेर लें।
  19. पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएंगे।
  20. फिर दुसरी बार अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं तरफ गर्दन घुमाएंगे।

यहां तक आपकी दाखिल मस्जिद की 2 रकात नमाज अदा हो जाएगी और इसी तरह 2 रकात जुम्मा की नमाज की सुन्नत भी पढ़ें सिर्फ नियत अलग करके नीचे जुम्मा की सभी नमाज़ों की नियत बताई गई है।

इस 2 रकात के बाद आप 4 रकात सुन्नत पढ़ेंगे लेकीन यहां पर हम 2 रकात जुम्मा की नमाज का फर्ज का तरीका जानेंगे इसे आप इमाम के पीछे ही पढ़ सकते हैं इसके बाद जानेंगे की 4 रकात सुन्नत का तरीका।

जुम्मा की 2 रकात फर्ज नमाज का तरीका – पहली रकात

  1. पहले जुम्मा की 2 रकात फर्ज नमाज की नियत करें।
  2. अब इमाम के अल्लाहु अकबर कहने पर नियत बांधे।
  3. फिर सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा पुरा पढ़ें।
  4. इसके बाद इमाम के सूरह फातिहा पढ़ने तक चुप रहें।
  5. सूरह फातिहा पढ़ने पर आहिस्ते से आमिन कहना है।
  6. इसके बाद कोई सूरह या आयत इमाम पढ़ेंगे चुप चाप सुनें।
  7. अब उनके अल्लाहु अकबर कहने पर रूकुअ में जाएं।
  8. रूकुअ में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
  9. फिर वो समी अल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठेंगे।
  10. आप रब्बना लकल हम्द कहते हुए रूकुअ से उठेंगे।
  11. फिर उन्हीं के अल्लाहु अकबर कहने पर सज्दे में जाएं।
  12. सज्दे में तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ेंगे।
  13. इसी तरह उनके अल्लाहु अकबर कहने पर दो सज्दे करें।
  14. दुसरी सज्दा के बाद अल्लाहु अकबर कहने पर खड़े हो जाएं।

जुम्मा की 2 रकात फर्ज नमाज का तरीका – दुसरी रकात

  1. यहां पर कुछ भी पढ़ना नहीं है आपको लेकिन।
  2. सूरह फातिहा के बाद आहिस्ते से आमिन कहना है।
  3. और यहां भी आयत या कोई सूरह पढ़ा जाएगा चुप रहें।
  4. फिर अल्लाहु अकबर कहने पर रूकुअ सज्दा करें।
  5. दोनों सज्दे के बाद अल्लाहु अकबर कहने पर बैठ जाएं।
  6. और अत्तहियात पढ़ें अत्तहियात पढ़ते हुए कलिमे ला पर।
  7. अपने दाहिने हाथ की शहादत उंगली खड़ा करें।
  8. और इल्ला पर गिरा दें और दुरूदे इब्राहिम पढ़ें।
  9. फिर दुआए मासूरा पढ़ें और सलाम फेर लेना है।
  10. पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहने पर।
  11. दाहिने तरफ अपना गर्दन घुमाएंगे।
  12. फिर अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहने पर।
  13. बाएं तरफ अपना गर्दन घुमाएंगे।
  14. यहां आपकी फर्ज की दुसरी रकात भी पुरी हो गई।

यहां आपकी जुम्मा की नमाज की 2 रकात फर्ज नमाज भी हो जाएगी इसके बाद दुआ होगी और आगे की जुम्मा की नमाज का तरीका जानने के लिए पूरा पढ़ें।

जुम्मा की नमाज पढ़ने का सही तरीका

सबसे पहले जुम्मा के दिन मस्जिद एंटर करने के बाद 2 रकात दाखिल मस्जिद की नमाज पढ़ें जिस तरह सबसे उपर में बताई हुई है।

इसके बाद 4 रकात जुम्मा की नमाज में सुन्नत पढ़ें इस डिटेल्स में जानने के लिए इस लिंक 4 रकात सुन्नत नमाज का तरीका पर क्लिक करके समझ लें।

फिर इमाम साहब के पीछे 2 रकात फर्ज पढ़ी जाएगी इसका भी तरीका हमने उपर में बता ही दिया इसके बाद यहां आप ध्यान देंगे की।

जुम्मा की 4 रकात नमाज का तरीका

अगर इमाम साहब ही जमात के साथ फिर नमाज पढ़ाते हैं तो वो नमाज जोहर की 4 रकात फर्ज होगी इसे जानने के लिए जोहर की नमाज का तरीका पर क्लिक करें।

और अगर इसके बाद सब लोग अकेले अकेले पढ़ते हैं तो वो 4 रकात सुन्नत नमाज होगी इसे भी आप नियत अलग करके पहले की 4 रकात की तरह ही पढ़ें।

जुम्मा की 2 रकात सुन्नत नमाज का तरीका

इस नमाज को आप अकेले ही पढ़ेंगे बिल्कुल पिछला 2 रकात दाखिल मस्जिद की नमाज की तरह सिर्फ यहां पर भी नियत को अलग करेंगे।

अगर इसे भी समझने में दिक्कत आ रही हो तो आप एक बार इस 2 रकात की सुन्नत नमाज का तरीका पर क्लिक करके पढ़ लें समझ जाएंगे।

जुम्मा की 2 रकात नफ्ल नमाज का तरीका

इसे भी आप बाकी के 2 रकात नमाज की तरह सिर्फ नियत अलग करके पढ़ें इस नमाज को भी बिल्कुल पीछे की 2 रकात नमाज जैसा ही अदा किया जाता है।

अगर इसे भी समझने में दिक्कत आ रही हो तो इस 2 रकात की नफ्ल नमाज का तरीका पर क्लिक करके पढ़ लें अच्छे से बताई गई है।

यहां तक आपकी जुम्मा की नमाज पुरी हो जाएगी आईए अब आगे जुम्मा की सभी नमाज की नियत भी एक एक करके जान लेते हैं।

जुम्मा की 2 रकात दाखिल मस्जिद की नियत

जुम्मा की 4 रकात सुन्नत नमाज की नियत

जुम्मा की 2 रकात फर्ज नमाज की नियत

जुम्मा बाद 4 रकात सुन्नत नमाज की नियत

जुम्मा की 2 रकात सुन्नत नमाज की नियत

जुम्मा की 2 रकात नफ्ल नमाज की नियत

जुम्मा की नमाज की रकात समझें

अगर आप ने पुरी पोस्ट जुम्मा की नमाज की पढ़ी होगी तो आप आसानी से जुम्मा की नमाज की रकात समझ गए होंगे अगर डायरेक्ट यहां आए हैं तो भी कोई हर्ज नहीं अब यहां पर ध्यान से पढ़ें।

Click Here: Jumma Ki Namaz Ki Rakat

सबसे पहले 2 रकात दाखिल मस्जिद की

फिर 4 रकात जुम्मा की सुन्नत नमाज

इसके बाद 2 रकात जुम्मा की फर्ज

फिर 4 रकात सुन्नत या फर्ज समझे ही

इसके बाद 2 रकात बाद जुम्मा की सुन्नत

फिर आखिर में 2 रकात जुम्मा में नफ्ल

आप यहां पर सोच रहे होंगे कि ऐसे तो 16 रकात हो जाएगी जी हां सुन्नी के लिए यही दुरूस्त है सबसे पहले 2 रकात दाखिल मस्जिद की नमाज पढ़ना चाहिए इसके अलावा ही जुम्मा में 14 रकात नमाज होती है।

अंतिम लफ्ज़

मेरे प्यारे मोमिनों आप ने अब तक तो जुम्मा की नमाज अदा करना सिख ही गए होंगे अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमसे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं और इस बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच शेयर करें जिसे वो भी सही से जुम्मा की नमाज पढ़ सकें।

एक बात और अगर कहीं पर आपको गलत लगा हो या कहीं कुछ छूट गई हो तो भी आप हमें कॉमेंट करके इनफॉर्म करें ताकि हम अपनी गलतियां सुधार सकें हम सब से छोटी बड़ी गलतियां होती रहती है इस के लिए आप को हम सब का रब जरूर अज्र देगा इंशाल्लाह तआला।

My name is Muhammad Ittequaf and I'm the Editor and Writer of Namazein. I'm a Sunni Muslim From Ranchi, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.

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