आज यहां पर आप Istikhara Ki Namaz Ka Tarika बहुत ही आसानी से जानेंगे क्योंकी हमने यहां पर इस्तिखारा की नमाज पढ़ने का सही और आसान तरीक़ा बहुत ही स्पष्ट और आसान लफ़्ज़ों में बताया है।
इसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी इस्तिखारा की नमाज अदा कर पाएंगे फिर इसके बाद आपको कहीं पर भी इस इस्तिखारा की नमाज अदा करने का तरीका ढूंढनी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पे पुरा ध्यान से पढ़ें।
Istikhara Ki Namaz Ka Tarika
आप भी शायद इस बात को जानते ही होंगे कि इस्तिखारा की नमाज एक बार में 2 रकात की नियत से मुकम्मल की जाती है यही सही तरीका है।
हमने यहां पर हर एक रकात को एक एक करके स्टेप बाय स्टेप बताया है अगर आप ध्यान से पढ़ लें तो यकीनन आप आसानी से नमाज ए इस्तिखारा अदा कर पाएंगे।
Must Know: Salatul Tasbeeh Ki Namaz
Istikhara Ki Namaz Ka Tarika – पहली रकात
- यहां सबसे पहले इस्तिखारा की नमाज की नियत करें।
- इसके बाद हांथो को नीचे लाकर नियत बांध लेंगे।
- नियत अगर ना मालुम हो तो नीचे लिखी हुई है समझ लें।
- इसके बाद सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा पुरा पढ़ें।
- फिर तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
- अब तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ेंगे।
- इसके बाद सूरह फातिहा यानी अलहम्दु शरीफ पुरा पढ़ें।
- सूरह फातिहा पुरा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
- फिर सूरह काफीरून पढ़ें या कोई भी एक सूरह पढ़ें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
- रूकूअ में 3, 5, या 7 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
- रूकूअ से उठते उठते भर में रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं।
- सज्दे में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
- फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
- दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
Istikhara Ki Namaz Ka Tarika – दूसरी रकात
- सबसे पहले यहां आप तअव्वुज और तस्मियह पढ़ें।
- यानी कि अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ें।
- इसके बाद सूरह फातिहा पढ़ें और आहिस्ते से आमिन कहें।
- अब यहां पर आप सूरह इख्लास पढ़ेंगे या कोई सूरह पढ़ें।
- फिर इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
- रूकूअ में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठेंगे।
- फिर यहां भी उठने पर रब्बना लकल हम्द ज़रूर कहें।
- इसके बाद तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दा में जाएं।
- सज्दे में भी कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठेंगे।
- फिर फ़ौरन अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
- दुसरी सज्दा में भी ज़रूर 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठ जाएं।
- इसके बाद तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ा जाता है।
- अत्तहिय्यात पढ़ते हुए कलिमे ला पर उंगली खड़ा करें।
- फिर तुरंत इल्ला पर उंगली गिरा कर सीधी कर लेंगे।
- इसके बाद दुरूदे इब्राहिम पढ़ें फिर दुआ ए मसुरा पढ़ें।
- अब अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कह कर सलाम फेर लें।
- पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएंगे।
- फिर दुसरी बार अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं तरफ गर्दन घुमाएंगे।
यहां तक आपकी 2 रकात इस्तिखारा की नमाज मुकम्मल हो जाएगी आप चाहें तो इसी तरह 2 – 2 रकात की नियत करके 6, 8, 10 या 12 रकात भी पढ़ सकते हैं।
Must Read: 2 Rakat Shukrana Ki Namaz Ka Tarika
इसके बाद ध्यान दें कि हर 2 रकात के बाद कम से कम तीन बार दरूद शरीफ पढ़ें और कम से कम एक बार सूरह फातिहा पढ़ें इसके बाद इस्तिखारा की दुआ पढ़ें इस्तिखारा की दुआ पढ़ने के बाद फिर सूरह फातिहा और दरूद शरीफ फिर तीन बार पढ़ें।
इस्तिखारा की नमाज की नियत
नियत की मैंने 2 रकात नमाज ए इस्तिखारा की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
इस्तिखारा की नमाज का वक्त
आप यह जान लें कि इस्तिखारा की नमाज के लिए कहीं पर भी खास वक्त मुकर्रर नहीं है, आपको जब भी अपने रब अल्लाह तबारक व तआला से खैर तलब करना हो नमाज उसी वक्त पढ़ें।
लेकीन इतना ध्यान रखें कि जिस वक्त आप इस्तिखारा की नमाज अदा कर रहे हैं वो वक्त मकरूह न हो अगर इस्तिखारा के लिए सबसे दुरूस्त और बेहतरीन वक्त के बारे में बात की जाए।
इस्तिखारा की नमाज के लिए सबसे बेहतरीन वक्ता ईशा की नमाज के बाद इस्तिखारा का वक्त होता है आप नमाजे ईशा के बाद अपने दिल में सही नियत से नियत करके दुरुस्त तरीके से इस्तिखारा की नमाज अदा करें।
FAQs
इस्तिखारा कब पढ़ना चाहिए?
इस्तिखारा की नमाज ईशा के बाद पढ़ना चाहिए।
इस्तखारा का मतलब क्या होता है?
इस्तखारा का मतलब रब से खैर तलब करना होता है।
इस्तिखारा कि नमाज कब पढ़ी जा सकती है?
इस्तिखारा कि नमाज कभी भी मकरूह वक्त के अलावा पढ़ी जा सकती है।
अंतिम लफ्ज़
मेरे प्यारे मोमिनों आप ने अब तक तो इस्तिखारा की नमाज़ अदा करना सिख ही गए होंगे, अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमसे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं और इस बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच शेयर करें जिसे वो भी सही से इस्तिखारा की नमाज पढ़ सकें।
एक बात और अगर कहीं पर आपको गलत लगा हो या कहीं कुछ छूट गई हो तो भी आप हमें कॉमेंट करके इनफॉर्म करें ताकि हम अपनी गलतियां सुधार सकें हम सब से छोटी बड़ी गलतियां होती रहती है इस के लिए आप को हम सब का रब जरूर अज्र देगा इंशाल्लाह तआला।
5 thoughts on “Istikhara Ki Namaz Ka Tarika । इस्तिखारा की नमाज का सही तरीका”
Comments are closed.