Khana Khane Ki Sunnat । खाना खाने का सुन्नत तरीका जानिए

हम सभी इस्लाम के तबकात के लोगों के लिए हमारे नबी ने सभी चीजों को करने के लिए सुन्नत तरीका बताया है जिस पर अमल करके हम अपना ज़रूरत पुरा कर सकते हैं।

इसके साथ साथ अपने नामाए आमाल में ख़ूब सवाब भी जोड़ सकते हैं आज एक ऐसे ही यहां पर Khana Khane Ki Sunnat और सही तरीका आप जानेंगे जिसपे अमल करके आप अपने भूख तो मिटा ही सकते हैं।

साथ ही साथ ख़ूब सवाब भी हासिल होगी क्योंकी जिस तरह से हमने नीचे खाना खाने का सुन्नत तरीका बताया है यह मेरे नबी की सुन्नत है तो आप इसे ध्यान से पढ़ और समझ कर अमल में ला कर नेकियों का इज़ाफा करें।

Khana Khane Ki Sunnat

  1. खाना खाने से पहले दोनों हाथों को धोना
  2. धोने के बाद हाथों को नहीं पोंछना
  3. हमेशा बैठ कर खाना खाना
  4. बिस्मिल्लाह शरीफ़ पढ़ कर शुरू करना
  5. दाहिने हाथ से खाना खाना
  6. सामने की खाना पहले खाना
  7. शुरु में नमक या नमकीन चीज़ खाना
  8. अच्छी नियत के साथ खाना
  9. खाना ठंडा करके खाना
  10. खाना खाने से जुड़ी ज़रूरी सुन्नत

#1. खाना खाने से पहले दोनों हाथों को धोना

हर बार खाने से पहले अपने हाथों को पहुंचो तक अच्छी तरह से ज़रूर धोएं यह आप को दुनिया में भी फ़ायदे में रखेगी जिससे आप जिस्मानी बीमारियों से दूर रहेंगे।

#2. धोने के बाद हाथों को नहीं पोंछना

जब भी आप खाने की नियत से हांथ धोए तो अपने हाथों को न पोंछे क्योंकि खाने से पहले हांथ धो कर के न पोंछना यह भी सुन्नत में शामिल है।

एक हदीस पाक के मुताबिक तर हांथ को झटकना शैतान का पंखा फरमाया है यानी की आप अपने हाथों को धोने के बाद झारे भी नहीं।

#3. हमेशा बैठ कर खाना खाना

खाना हमेशा बैठ कर के खाना चाहिए अगर जूते वगैरा पहने हुए हैं तो जूते को उतार लें खाने के लिए बैठने का तीन तरीक़ा है।
सुरीन यानी पीछे के हिस्से को जमा कर बैठें।

  • दोनों घुटने को खड़े कर के भी बैठ सकते हैं।
  • बायां पाव बिछा कर दायां पैर खड़ा कर के बैठ जाएं।
  • याद रखें जमीन पर टेका लगा कर के नहीं बैठना है यानी बगैर उज्र बायां हांथ जमीन पर टेका लगा कर बैठना मकरूह माना गया है।

#4. बिस्मिल्लाह शरीफ़ पढ़ कर शुरू करना

खाना खाने से पहले बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम ज़रूर पढ़ लें फिर खाना खाने की दुआ भी पढ़ें इसे आप शैतान के लुकमे से बचेंगे।

हुजूरे पाक सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि व सल्लम ने फ़रमाया जिस खाने पर बिस्मिल्लाह न पढ़ी जाए उस खाने को शैतान हलाल अपने लिए समझता है।

#5. दाहिने हाथ से खाना खाना

यह तो हालांकि आम बात है कि लोग सीधे हांथ से ही खाते हैं लेकिन हमने इसलिए बयां किया क्योंकी सभी सुन्नत को बता ही दें सीधे हांथ से खाना सुन्नत है।

हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि व सल्लम ने फ़रमाया जब तुम में से कोई खाना खाए तो सीधे हाथ से खाए और जब पीये तो सीधे हांथ से पिये।

#6. सामने की खाना पहले खाना

यह साथ में खाने पर सुन्नत है कि जब कभी साथ में खाएं तो ख़ुद अपने सामने से लूकमे उठा कर के खाए और कभी भी बर्तन के बीच से खाना न खाएं।

अपने दाहिने हाथ की तीन उंगलियां से खाना खाएं नबी ए करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया पुरे हांथ से खाना गंवारों का तरीका है।

#7. शुरु में नमक या नमकीन चीज़ खाना

खाने की इब्तिदा यानी शुरूआत नमक या नमकीन चीज़ से ही करना चाहिए रद्दुल मुख्तार में है कि खाने की इब्तिदा नमक से की जाए और खत्म भी नमक पर।

खाना किसी भी तरह का हो उसमें ऐब न निकालें आज कल यह आम हो चूका है हमारे नबी ए करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने खाने में ऐब नहीं निकाला।

#8. अच्छी नियत के साथ खाना

खाना हमेशा नेक की नियत से खाएं इस नियत से खाएं की खाना इबादत के लिए खा रहा हुं न की शहवत व हवस और ख्वाहिश के सुकून के लिए।

इब्राहिम बिन शबान कहते हैं कि 80 अस्सी बरस होने को आए की मैंने कोई भी चीज़ ख्वाहिश के खातिर नहीं खाई, हमेशा थोड़ा खाएं ज्यादा इबादते इलाही से दूर रखता है।

#9. खाना ठंडा करके खाना

जहां तक हो सके गर्म खाना तो ले ही नहीं थोड़ी देर रुक जाएं गर्म खाने को ठंडा करके खाना हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का सुन्नत है।

लेकीन यह भी याद रखें खाना की फूंक मार के ठंडा नहीं करना है फूंक मारने के बजाए थोड़ा सब्र करना चाहिए ताकी खाना ठंढा हो जाए।

#10. खाना खाने से जुड़ी ज़रूरी सुन्नत

  • अगर खाना खाने से पहले पानी पीना चाहें तो बिस्मिलाह शरीफ़ पढ़ कर के पानी पी लें क्योंकी खाने के शुरू में पानी पीना बहुत ही बेहतर है।
  • लुकमा हमेशा छोटा लें तो अगर दरमियानी यानी पास से हो तो ज्यादा बेहतर है सालन यानी मिलाया हुआ खाना को किनारे से खाना शुरू करें।
  • रोटी खाए तो रोटी को दोनों हाथों से पकड़कर तोड़ें दस्तरखान पर अगर रोटी गिर जाए तो उठा कर के खा लें और हमेशा नीचे में चटाई या फिर दस्तरखान पर बैठ कर के खाएं।
  • हालांकि यह थोड़ा अलग लग रहा होगा लेकीन यही सुन्नत है हमारे नबी ए करीम ने हमेशा सादगी पसंद किया जिस बर्तन में खा रहे थे उसमें एक भी दाने न रहने दें पुरा बर्तन साफ़ कर दें।
  • खाना ख़त्म करने पर अपने उंगलियों को चाट लें आख़िर में अंगूठे को चाटे खाने के बाद दांतों से बची हुई खुराक को किसी चीज़ के साथ निकालें यानी दांतों का खिलाल करें।
  • फिर हांथ धोएं और हाथों से सर और चेहरे पर भी फेर लें अगर पानी रह जाए तो तौलियों से पोंछ लें खाने से फारिग होने के बाद खाना खाने के बाद की दुआ पढ़ें।
  • और अल्लाह का शुक्र अदा करें जिसने आप को पेट भर कर के खाना खिलाएं ख़ूब याद रखें कि देने वाला तो हमारा अल्लाह ही है इंसान तो बस एक जरिया है।

अंतिम लफ्ज़

मेरे प्यारे मोमिनों अब तक तो आप भी सही और सुन्नत तरीके के मुताबिक़ खाना खाना सिख गए होंगे और अब हमेशा इसी तरीके से खाना खा कर पेट के साथ साथ अपने नमाए अमाल को भी नेकियों से भरेंगे।

अगर इसे मुकम्मल पढ़ने के बाद भी खाना खाने की सुन्नत तरीका से जुड़ी कोई सवाल या फिर किसी तरह का कोई डाउट भी हो तो आप हमसे अपने सवालों को कॉमेंट करके पूछ सकते हैं हम जवाब जरूर देंगे इंशाल्लाह।