Allahumma Ajirni Minan Naar Meaning In Hindi । अल्लाहुम्मा अजिरनी मीनन नार का अर्थ क्या है?

आज़ यहां पर आप एक बहुत ही खुबसूरत व पाक लफ्ज़ यानी कि Allahumma Ajirni Minan Naar Meaning In Hindi में जानेंगे जो बहुत उम्दा लफ्ज़ है।

हमने यहां पर अल्लाहुम्मा अजिरनी मीनन नार शब्द का अर्थ और एक्सप्लैन बहुत ही साफ़ और आसान लफ्ज़ों में बताया है जिसे आप आसानी से समझ सकेंगे।

इसके साथ साथ आप इसकी अजमत, रहमत व फजीलत भी जान जाएंगे ये लफ्ज़ सिर्फ एक लफ्ज़ ही नहीं एक पॉवरफुल दुआ भी है।

Allahumma Ajirni Minan Naar Meaning In Hindi

“ऐ अल्लाह मुझे जहन्नम से महफूज़ रख”

इस लफ्ज़ अल्लाहुम्मा अजिरनी मीनन नार का अर्थ यह होता है कि “ऐ अल्लाह मुझे जहन्नम से महफूज़ रख”

Allahumma Ajirni Minan Naar Meaning In English

“O Allah, Save Me From The Hell Fire”

Allahumma Ajirni Minan Naar Ki Fazilat

  • हमने आपको यह उपर में ही बताया कि यह एक लफ्ज या सिर्फ वाक्य ही नहीं है।
  • यह एक बहुत ही पॉवरफुल और इफेक्टिव जहन्नम से बचने की दुआ है।
  • इसे सुबह में फजर की नमाज के बाद फौरन पढ़ने से यह होगा कि।
  • अगर हमारी रुखसत उसी दिन हो जाती है तो अल्लाह हमे जहन्नम से निजात फरमाएगा।
  • इसी तरह अगर हम इसे मगरिब की नमाज़ के फौरन बाद पढ़ते हैं तो।
  • अगर उसी रात हम अलविदा कह देते हैं तो हमें जहन्नम की आग से निजात मिलेगी।
  • इसके बारे में हदीस भी है जिसे आप नीचे पढ़ेंगे और समझ कर अमल में लाएंगे।

अल्लाहुम्मा अजिरनी मीनन नार का अर्थ क्या है?

अल्लाहुम्मा अजिरनी मीनन नार का शाब्दिक अर्थ “ऐ अल्लाह मुझे जहन्नम से महफूज़ रख” है यानी कि हम ख़ुद के लिए यह दुआ करते हैं कि ऐ अल्लाह मुझे जहन्नम और इसकी आग से महफूज रखना।

आप भी शायद यह जानते ही होंगे कि जहन्नम में सिर्फ आग ही आग है वहां पर किसी किस्म का राहत मौजूद नहीं है इसीलिए हर मुसलमान का यह दिली तमन्ना होती है कि हम आखिरत में जहन्नम से बचे।

अल्लाहुम्मा अजिरनी मीनन नार का मतलब ही यही होता है कि हमें जहन्नम से बचाना इसीलिए इस दुआ को पुश्तों से लेकर आज तक सभी इस्लाम के मानने और खुदा को चाहने वाले इसे पढ़ा करते हैं।

इससे जुड़ी काफी ख़ास और बेहतरीन सीक्रेट हदीस भी है जिसे पढ़ने के बाद आप भी अल्लाहुम्मा अजिरनी मीनन नार हर रोज़ सुबह और शाम में पढ़ा करेंगे।

अल्लाहुम्मा अजिरनी मीनन नार से जुड़ी हदीस

सय्यदे आलम हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: फजर की नमाज अदा करने के बाद बिना किसी से एक भी लफ्ज़ बोले अल्लाहुम्मा अजिरनी मीनन नार सात 7 मरतबा पढ़े।

अगर वह दुनियां से उस दिन रुखसत पाएगा तो अल्लाह तबारक व तआला इसे जहन्नम और जहन्नम की आग से महफूज रखेगा। यह है अल्लाहुम्मा अजिरनी मीनन नार लफ्ज़ की अहमियत और फजीलत।

अगर मगरिब की नमाज़ के बाद बगैर किसी से बात किए अल्लाहुमा इन्नी अस अलुका अल्लाहुम्मा अजिरनी मीनन नार 7- 7 बार पढ़े।

अगर उस रात वह जिंदगी से रूखसत पाएगा तो अल्लाह तबारक व तआला उसे जहन्नम और जहन्नम की आग से महफूज रखेगा।

आपको भी यह जानकर हैरानी होगी कि इस हदीस को हम सब के प्यारे अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इसे सीक्रेट रखने को कहा।

Sunan Abi Dawud 5079 kitab Al-Adab

अंतिम लफ्ज़

अब तक तो आप भी आसानी से इस ख़ास और बेहतरीन लफ्ज़ और दुआ यानी अल्लाहुम्मा अजिरनी मीनन नार का अर्थ पढ़ कर समझ गए होंगे।

हमने यहां पर तमाम जानकारी को काफ़ी रिसर्च करने के बाद बहुत ही साफ़ और आसान शब्दों में आसान तरीके से बताया जिसे आप समझ सकें।

अगर आपको कुछ मन में डाउट हो या फिर किसी तरह का कोई क्वेश्चन भी पूछना चाहते हैं तो आप हमसे कॉन्टेक्ट मि के ज़रिए जरूर पूछें।

My name is Muhammad Ittequaf and I'm the Editor and Writer of Namazein. I'm a Sunni Muslim From Ranchi, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.